Best NDA Academy in Lucknow | Best NDA Coaching in Lucknow
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#Best NDA Academy in Lucknow: हिंदू नववर्ष की शुरुआत जिस चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से मानी जाती है, उस दिन किए जाने वाले पूजा की विधि और नियम जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
सनातन परंपरा में चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है क्योंकि इसी दिन से शक्ति की साधना का महापर्व नवरात्रि और नये हिंदू वर्ष की शुरुआत होती है. पंचांग के अनुसार इस साल इसकी शुरुआत 22 मार्च 2022,बुधवार को होगी. पंचांग के अनुसार विक्रम संवत 2080 के राजा बुध और मंत्री शुक्रदेव होंगे. हिंदू धर्म में नववर्ष की शुरुआत के लिए विशेष पूजा विधि और नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने पर पूरे साल घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास बना रहता है. आइए नव संवत्सर से जुड़ी शुभ परंपराओं और नियम को विस्तार से जानते हैं. #ArmyGD
#Best NDA Academy in Lucknow नवग्रहों के राजा कहलाने वाले सूर्य को हिंदू धर्म में देवता के रूप में पूजा जाता है, जिनके दर्शन हमें प्रतिदिन प्रत्यक्ष रूप से होते हैं. ऐसे में चैत्र मास की प्रतिपदा यानि हिंदू नववर्ष के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान के बाद उगते हुए सूर्यदेव तांबे के लोटे से अर्घ्य देने के बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. मान्यता है कि इस उपाय को करने वाले व्यक्ति पर पूरे साल सूर्य देवता की कृपा बनी रहती है और उसे जीवन में सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है. चूंकि नववर्ष की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है, इसलिए इस दिन शुभ और लाभ के देवता भगवान श्री गणेश जी की पूजा विशेष रूप से करें.
- हिंदू मान्यता के अनुसार घर में शुभता और सौभाग्य का आगमन मुख्य द्वार से होता है, ऐसे में नव संवत्सर पर घर की साफ-सफाई करने के बाद मुख्य द्वार पर स्वास्तिक और रंगोली आदि बनाकर दरवाजे पर बंदनवार लगाना चाहिए. इस दिन दरवाजे पर एक पात्र में पीली हल्दी घोलकर दरवाजे के दोनों कोनो पर छिड़कना चाहिए.
- नव संवत्सर पर अपने आराध्य देवी-देवता की स्तुति, मंगल गीत का गान या फिर किसी ब्राह्मण के द्वारा बोले गए पंचांग का विशेष रूप से श्रवण करना चाहिए.
- नव संवत्सर पर अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा करने के बाद विशेष रूप से हवन एवं आरती करना चाहिए. साथ ही साथ जीवन से जुड़े दोष को दूर और कामनाओं को पूरा करने के लिए जरूरतमंद व्यक्ति को वार के अनुसार अन्न, धन, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.
- नव संवत्सर वाले दिन धर्म ध्वजा को विधि-विधान से पूजा करके लगाना चाहिए. धर्म ध्वजा को आप किसी मंदिर अथवा अपने घर की छत या घर के मुख्य द्वार आदि पर लगा सकते हैं.
- नव संवत्सर वाले दिन घर में विभिन्न तरह के पकवान बनाकर अपने आराध्य देवी-देवता को चढ़ाने के बाद प्रसाद स्वरूप ग्रहण करना चाहिए. नव संवत्सर पर श्रीखंड खाना और खिलाना दोनों ही शुभ माना गया है.
- नव संवत्सर वाले दिन नीम की पत्तियों का विशेष रूप से सेवन किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने पर पूरे साल आरोग्य बना रहता है.
- नव संवत्सर के दिन अपने माता-पिता, गुरु और अपने वरिष्ठ लोगों का आशीर्वाद लेना चाहिए.
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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारितहैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)